*सहारनपुर01जून25* बारूद के ढेर पर बैठा शहर: तंग गलियों में फैले बाजारों में नहीं हैं आग से बचाव के इंतजाम…*
*सहारनपुर:* शहर की तंग गलियों में बसे बाजारों में आग से बचाव के साधनों की घोर कमी है। न तो दुकानों में अग्निशमन यंत्र मौजूद हैं और न ही व्यापारिक संगठनों ने इस ओर कोई पहल की है। हालात ऐसे हैं कि अगर किसी दुकान या कारखाने में आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां उन इलाकों तक पहुंच ही नहीं सकतीं। सवाल यह उठता है कि क्या सहारनपुर के ये बाजार किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं?
*होजरी मार्केट: जहां बाइक भी मुश्किल से निकलती है…*
शहर के बीचोंबीच स्थित हिरण मेहरान होजरी बाजार सहारनपुर का सबसे बड़ा होजरी कारोबार केंद्र है। इसी बाजार में एक प्रमुख व्यापारी संगठन के अध्यक्ष की भी दुकान है, लेकिन हालात यह हैं कि बाजार की गलियां इतनी संकरी हैं कि बाइक भी आसानी से नहीं निकल पाती। इन दुकानों में कहीं भी फायर एक्सटिंग्विशर या अन्य बचाव संसाधन नहीं दिखाई देते। यह लापरवाही न सिर्फ दुकानदारों बल्कि व्यापारिक संगठनों और प्रशासन की भी चिंता का विषय है।
*रायवाला मार्केट: एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मंडी भी असुरक्षित..*
एशिया की सबसे बड़ी बताई जाने वाली रायवाला कपड़ा मार्केट की हालत भी कोई अलग नहीं है। यहां सैकड़ों करोड़ का कारोबार होता है, लेकिन आग से सुरक्षा के कोई उपाय नजर नहीं आते। गलियां इतनी तंग हैं कि आपात स्थिति में दमकल वाहन तो दूर, एंबुलेंस भी नहीं घुस सकती। ऐसी स्थिति में यदि किसी दुकान में आग लगती है तो उस पर काबू पाना लगभग असंभव हो जाएगा।
*खाता खेड़ी: लकड़ी की नक्काशी की मंडी भी जोखिम में…*
खाता खेड़ी क्षेत्र, जो एशिया की सबसे बड़ी लकड़ी की नक्काशी मंडी के रूप में जाना जाता है, वहां भी हालात चिंताजनक हैं। यहां घर-घर में लकड़ी की नक्काशी के छोटे-बड़े कारखाने चलते हैं। लेकिन आग से बचाव के किसी भी तरह के उपकरण या संसाधन यहां मौजूद नहीं हैं। यह स्थिति बेहद खतरनाक है, क्योंकि यहां कच्चा माल भी ज्वलनशील होता है और कारखानों में आग लगने का खतरा हमेशा बना रहता है।
*पुराना शहर: राहत पहुंचना नामुमकिन…*
सहारनपुर के पुराने शहर के कई मोहल्ले और बाजार जैसे सर्राफा, हलवाई हटा, दीनानाथ , नखासा , , बेदी गली आदि में गलियां इतनी तंग हैं कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच ही नहीं सकती। इसके बावजूद वहां के व्यापारियों ने आग से बचाव को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। बेदी गली में हाल ही में हुई घटना एक चेतावनी है कि अगर समय रहते नहीं चेता गया, तो बड़ी जनहानि हो सकती है।
*व्यापारी संगठन और प्रशासन दोनों जिम्मेदार…*
यह चिंताजनक है कि शहर के तमाम व्यापारिक संगठन, जो खुद को व्यापारियों का हितैषी बताते हैं, उन्होंने कभी भी बाजारों में अग्निशमन उपकरण लगवाने की पहल नहीं की। वहीं प्रशासन की ओर से भी कोई ठोस निगरानी या कार्रवाई नहीं की जाती। यदि समय रहते इन बाजारों में आग से सुरक्षा के उपकरण न लगाए गए और सड़कों को आपातकालीन उपयोग के लिए सुव्यवस्थित न किया गया, तो सहारनपुर सचमुच एक “बारूद के ढेर” पर बैठा शहर बन जाएगा।
*अब भी वक्त है चेतने का….*
प्रशासन और व्यापारी संगठनों को चाहिए कि हर दुकान, गोदाम और कारखाने में फायर एक्सटिंग्विशर, पानी की टंकियां, बालू की बोरियां और प्राथमिक सुरक्षा उपकरण अनिवार्य रूप से लगवाएं। साथ ही व्यापारियों को खुद भी जागरूक होकर अपने बाजारों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए। केवल सरकार या संगठन ही नहीं, हर व्यापारी की यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने आसपास के क्षेत्र को सुरक्षित बनाए।
*नियमानुसार कार्रवाई हो, तभी बचेगा शहर..*
प्रशासन को चाहिए कि वह नियमित जांच अभियान चलाकर यह सुनिश्चित करे कि बाजारों में सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। लापरवाह दुकानों और कारखानों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि दूसरों को भी सबक मिले। वरना सहारनपुर जैसे शहरों में किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना की खबर सुर्खियां बन सकती है।
*वर्जन – सीएफओ प्रताप सिंह, अग्निशमन अधिकारी, सहारनपुर..*
जब हमारे संवाददाता ने सहारनपुर के अग्निशमन अधिकारी सीएफओ प्रताप सिंह से बेदी गली की घटना के संदर्भ में यह सवाल किया कि क्या शहर की अन्य प्रमुख और संवेदनशील बाजारों—जैसे रायवाला कपड़ा मार्केट, हिरण मेहरान होजरी मार्केट, और खाता खेड़ी की लकड़ी नक्काशी मंडी—में किसी प्रकार की सुरक्षा जांच या अग्निशमन व्यवस्था की समीक्षा की गई है, तो उन्होंने शुरुआत में कहा, “मैंने छोटी-छोटी दुकानों की जांच नहीं की है, और ना ही ऐसी किसी खास जांच की आवश्यकता अब तक सामने आई।” जब संवाददाता ने उन्हें यह जानकारी दी कि रायवाला कपड़ा मार्केट एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मंडियों में गिनी जाती है और यह बेहद तंग गलियों में बसी हुई है, तो उन्होंने थोड़ी हैरानी जताई और कहा, “अगर ऐसा है, तो हम इस विषय पर गंभीरता से विचार करेंगे और जरूरी हुआ तो जांच करवाई जाएगी।” इसी क्रम में जब हिरण मेहरान की होजरी मार्केट और खाता खेड़ी की लकड़ी नक्काशी मंडी का भी उल्लेख किया गया, तो सीएफओ प्रताप सिंह ने कहा,
“इन बाजारों के बारे में मुझे विस्तृत जानकारी नहीं थी। अब जब यह जानकारी आपके माध्यम से मिल रही है तो मैं इन स्थानों पर टीम भेजकर अग्नि सुरक्षा की स्थिति का आंकलन करवाऊंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि विभाग की प्राथमिकता बड़े प्रतिष्ठानों और औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा होती है, परंतु अब वह इन संवेदनशील और भीड़भाड़ वाले बाजारों को भी सूची में शामिल कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
*वर्जन – उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष शीतल टंडन…*
*उत्तर प्रदेश* उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष श्री शीतल टंडन ने सहारनपुर के बाजारों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि,
“सहारनपुर शहर के सभी व्यापारियों को चाहिए कि वे अपनी-अपनी दुकानों और मार्केट में आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र अनिवार्य रूप से लगवाएं।” उन्होंने कहा कि व्यापारियों को यह समझना चाहिए कि सहारनपुर की अधिकांश मार्केट तंग गलियों में स्थित हैं, जहां फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का पहुंच पाना मुश्किल होता है। इसलिए आत्मनिर्भरता ही एकमात्र उपाय है।
“व्यापारियों को चाहिए कि वे अपनी दुकानों में पुराने और कटे-फटे बिजली के तारों की समय-समय पर जांच कराएं और उन्हें सुरक्षित कराएं, ताकि किसी शॉर्ट सर्किट की वजह से आगजनी की घटना न हो।”
श्री टंडन ने नेहरू मार्केट में मोबाइल मार्केट, खान मार्केट, पंजाबी मार्केट, रायवाला कपड़ा मार्केट, हिरण मेहरान होजरी मार्केट और खाता खेड़ी पुल जोगियान जैसी प्रमुख बाजारों का विशेष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी बाजारों के दुकानदारों को स्वयं ही आगे आकर फायर सेफ्टी उपकरणों को स्थापित करना चाहिए।
उन्होंने प्रशासन से भी मांग की कि “इन सभी प्रमुख बाजारों का तत्काल निरीक्षण कर अग्नि सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, और समय-समय पर इनकी जांच भी की जाए। यदि किसी दुकान पर फायर सेफ्टी उपकरण नहीं पाया जाता है तो उस दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि दूसरों को भी चेतावनी मिले।”
*वर्जन – रायवाला कपड़ा मार्केट के व्यापारी अंतरिक्ष अरोड़ा…*
*रायवाला* कपड़ा मार्केट के एक प्रमुख व्यापारी अंतरिक्ष अरोड़ा ने कहा कि,”मार्केट के अंदर फिलहाल किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में अग्नि से बचाव के कोई साधन नहीं हैं। यदि यहां आग लगती है तो कोई भी सुरक्षित नहीं है।” उन्होंने प्रशासन से मांग की कि रायवाला मार्केट जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर तत्काल अग्नि सेफ्टी यंत्र स्थापित करवाए जाएं और बाजार में जागरूकता अभियान भी चलाया जाए.. उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि, “सभी दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों में अग्निशमन यंत्र अवश्य लगवाएं और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।” इस मामले में सहारनपुर उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष श्री विवेक मनोचा से संपर्क की कई कोशिशें की गईं, परंतु उन्होंने फोन नहीं उठाया, जिस कारण समाचार लिखे जाने तक उनका पक्ष नहीं मिल सका…
*मनोज मिड्ढा*
*डीपीसी न्यूज़ नेटवर्क…*
More Stories
लखनऊ : 14 अगस्त, 2025*मुख्यमंत्री योगीजी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
मथुरा15अगस्त2025 देश की आजादी के पावन पर्व स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया गया*
मथुरा15अगस्त25*कृष्णचन्द्र गान्धी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज, माधवकुंज, मथुरा में हर्षोल्लास से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस*