June 27, 2025

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

मऊगंज29मार्च25*मऊगंज नगर परिषद में दलाली का भंडाफोड़: दिव्यांग पत्रकार की लड़ाई रंग लाई*

मऊगंज29मार्च25*मऊगंज नगर परिषद में दलाली का भंडाफोड़: दिव्यांग पत्रकार की लड़ाई रंग लाई*

मऊगंज29मार्च25*मऊगंज नगर परिषद में दलाली का भंडाफोड़: दिव्यांग पत्रकार की लड़ाई रंग लाई*

मऊगंज नगर परिषद में दलालों का बोलबाला किसी से छिपा नहीं है। आम नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित करने और रिश्वतखोरी का अड्डा बनने के आरोप नगर परिषद पर पहले भी लगते रहे हैं। लेकिन जब दिव्यांग पत्रकार दीपक गुप्ता ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, तो मामला और गंभीर हो गया।

*दिव्यांग पत्रकार से मांगी गई रिश्वत*
करीब डेढ़ साल पहले जब दीपक गुप्ता अपने घर निर्माण के लिए फाइल जमा करने पहुंचे, तो उनसे ₹20,000 की रिश्वत मांगी गई। उन्होंने यह रिश्वत देने से साफ इंकार कर दिया और अपनी लड़ाई शुरू की। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार का एक वीडियो भी वायरल किया, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि, तीसरे दिन नगर परिषद से उन्हें फोन कर बुलाया गया और उनकी फाइल जमा कर ली गई। लेकिन इसके बावजूद भी, उन्हें लगातार इधर-उधर टरकाया जाता रहा। उन्हें बार-बार बताया जाता कि **सीएमओ महेश पटेल मौजूद नहीं हैं, कल आना।**

*नगर परिषद में प्रशासनिक लापरवाही*
नगर परिषद मऊगंज में अधिकारियों की कार्यशैली पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। पत्रकार दीपक गुप्ता ने कई बार नगर परिषद के सीएमओ महेश पटेल को अपनी फाइल गुम हो जाने की शिकायत दी, लेकिन हर बार उन्हें टरका दिया गया। भ्रष्टाचार और लापरवाही का यह सिलसिला तब तक जारी रहा जब तक कि मामला मुख्यमंत्री मोहन यादव तक नहीं पहुंचा।

*मुख्यमंत्री मोहन यादव की सख्त कार्रवाई*
समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री मोहन यादव को दिव्यांग पत्रकार की शिकायत मिली, तो उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए नगर परिषद मऊगंज के दो अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दे दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने **सीएमओ महेश पटेल और इंजीनियर राजेश प्रताप सिंह** को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की।

*प्रशासन को सख्त संदेश*
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई प्रशासनिक लापरवाही और नागरिकों की लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर की गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि जनसमस्याओं की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नागरिकों की समस्याओं की अनदेखी करेगा, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

*दिव्यांग पत्रकार की जीत*
इस पूरी घटना ने साबित कर दिया कि अगर कोई व्यक्ति हिम्मत और सच्चाई के साथ अन्याय के खिलाफ आवाज उठाए, तो उसे न्याय जरूर मिलता है। दीपक गुप्ता की लड़ाई उन सभी नागरिकों के लिए प्रेरणा है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी इस सफलता ने यह भी दिखा दिया कि अब भ्रष्टाचारियों का बचना मुश्किल होगा।

मऊगंज नगर परिषद में हुई इस कार्रवाई से अन्य नगर निकायों को भी सीख लेनी चाहिए कि अब भ्रष्टाचार और लापरवाही का कोई स्थान नहीं रहेगा। यह दिव्यांग पत्रकार की जीत ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की जीत है।

Taza Khabar

Copyright © All rights reserved. | Newsever by AF themes.